दिल्ली में गिरफ्तार ‘Crypto Queen’: ₹17 लाख की वर्क‑फ्रॉम‑होम जालसाजी में USDT का इस्तेमाल
आजकल लोग इंटरनेट के ज़रिए काम करना पसंद करते हैं। वर्क-फ्रॉम-होम यानी घर बैठे कमाना एक आम बात हो गई है। लेकिन कुछ लोग इसी बात का गलत फायदा उठाकर दूसरों को धोखा देने लगते हैं। दिल्ली में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जहाँ एक महिला को ‘क्रिप्टो क्वीन’ कहा जा रहा है। उसने और उसके साथियों ने मिलकर ₹17 लाख की ठगी की।
इस खबर ने सोशल मीडिया और न्यूज़ प्लेटफॉर्म पर हंगामा मचा दिया है। Crypto news today in hindi में यह सबसे ज्यादा पढ़ी जाने वाली खबरों में से एक बन गई है। तो आइए जानते हैं कि यह ‘Crypto Queen’ कौन है, उसने क्या किया और इससे हम क्या सीख सकते हैं।
कौन है यह 'Crypto Queen'?
दिल्ली पुलिस ने हाल ही में एक महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया है। यह महिला खुद को क्रिप्टो एक्सपर्ट बताती थी और लोगों को बड़ी कमाई का लालच देकर वर्क-फ्रॉम-होम की फर्जी नौकरियां देती थी। इस महिला ने USDT यानी Tether नाम की क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल किया, ताकि लोग पकड़ा न जाएं।
USDT एक ऐसी डिजिटल करेंसी है जो डॉलर की कीमत से जुड़ी होती है। इसे बहुत से ऑनलाइन लेन-देन में इस्तेमाल किया जाता है, खासकर तब जब लोग पैसा ट्रैक नहीं करना चाहते।
धोखा कैसे हुआ?
इस जालसाजी की शुरुआत एक आम नौकरी के विज्ञापन से हुई। सोशल मीडिया, व्हाट्सएप ग्रुप्स और टेलीग्राम चैनल्स पर “वर्क फ्रॉम होम” जॉब्स के नाम पर विज्ञापन डाले गए। जिन लोगों को काम की जरूरत थी, उन्होंने इन विज्ञापनों पर भरोसा किया।
उन्हें कहा गया कि अगर वे एक छोटा सा रजिस्ट्रेशन फीस भरते हैं तो उन्हें घर बैठे अच्छी कमाई वाली जॉब मिलेगी। लोगों ने ₹2,000 से ₹10,000 तक रजिस्ट्रेशन फीस दी। लेकिन इसके बाद उन्हें कोई असली काम नहीं मिला। धीरे-धीरे इन लोगों से ₹17 लाख से ज्यादा की रकम वसूली गई।
जब लोगों को समझ आया कि यह एक धोखा है, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत की। जांच में पता चला कि यह पैसा USDT में ट्रांसफर किया गया था।
पुलिस ने कैसे पकड़ा?
दिल्ली पुलिस की साइबर सेल ने बड़ी सूझबूझ से काम किया। उन्होंने ब्लॉकचेन ट्रैकर और क्रिप्टो वॉलेट्स की मदद से पता लगाया कि ट्रांजैक्शन कहाँ-कहाँ हुए थे। उन्होंने फेक वेबसाइट्स और बैंक अकाउंट्स की भी जांच की।
अंत में, पुलिस ने दिल्ली, नोएडा और गुड़गांव से पाँच लोगों को गिरफ्तार किया। इनमें से एक महिला ने क्रिप्टो ट्रांजैक्शन हैंडल किए थे, इसलिए उसे ‘Crypto Queen’ कहा जा रहा है।
इस मामले को लेकर crypto news today in hindi में कई बड़ी वेबसाइट्स पर रिपोर्ट छपी है।
USDT और ठगी का कनेक्शन
USDT यानी Tether एक स्टेबल कॉइन है। इसका मतलब है कि इसकी कीमत डॉलर के बराबर रहती है। जो लोग ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना चाहते हैं लेकिन बैंक या सरकार की नजर से बचना चाहते हैं, वे अक्सर USDT का इस्तेमाल करते हैं।
इस मामले में भी ऐसा ही हुआ। ठगों ने सोचा कि अगर वे USDT में पैसे लें, तो पुलिस उन्हें ट्रैक नहीं कर पाएगी। लेकिन आजकल तकनीक इतनी तेज़ है कि क्रिप्टो ट्रांजैक्शन भी ट्रेस हो सकते हैं।
क्या हम इससे कुछ सीख सकते हैं?
बिलकुल! इस मामले से हमें कई जरूरी बातें सीखने को मिलती हैं:
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फर्जी नौकरियों से बचें: कोई भी ऐसी नौकरी जिसमें पहले पैसे मांगे जाएं, वह फर्जी हो सकती है।
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सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें: फेसबुक, व्हाट्सएप और टेलीग्राम जैसे प्लेटफॉर्म पर बहुत सी फेक जॉब्स के विज्ञापन होते हैं।
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क्रिप्टो में लेन-देन सोच-समझकर करें: अगर कोई आपसे क्रिप्टो में पेमेंट मांगता है, तो सावधान रहें।
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सिर्फ सरकारी या भरोसेमंद पोर्टल से ही नौकरी खोजें।
भारत में क्रिप्टो और नियम
भारत में क्रिप्टोकरेंसी को लेकर कानून अभी पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हैं। सरकार कोशिश कर रही है कि क्रिप्टो मार्केट को कंट्रोल किया जा सके, ताकि ठगी के मामले कम हों।
जब तक पक्के नियम नहीं बन जाते, तब तक हमें खुद ही सतर्क रहना होगा। इसलिए अगर आप क्रिप्टो या वर्क-फ्रॉम-होम से जुड़े किसी ऑफर से जुड़ रहे हैं, तो पहले उसकी अच्छी तरह जांच करें।
निष्कर्ष
दिल्ली में सामने आया यह मामला सिर्फ ₹17 लाख की ठगी का नहीं है, यह एक बड़ी सीख है। ‘Crypto Queen’ नाम की इस महिला ने लोगों की जरूरत और भरोसे का फायदा उठाया। लेकिन पुलिस ने अपनी जांच से यह साबित कर दिया कि अब डिजिटल ठग भी ज्यादा समय तक बच नहीं सकते।
Crypto news today in hindi में यह मामला चर्चा में है क्योंकि इससे आम लोगों को सच्चाई का पता चलता है और सतर्कता बढ़ती है।
अंत में बस इतना ही कहा जा सकता है — ऑनलाइन कमाई करने से पहले सोच-समझकर कदम उठाएं, और कभी भी लालच में न आएं। तभी आप सुरक्षित और समझदार निवेशक बन पाएंगे।

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